कृष्णा का दोस्त

एक बच्चा फटे पुराने जूतों के साथ प्लास्टिक की गेंद से खेल रहा था, मुझे बहुत दुःख हुआ, मैंने बाज़ार से नया जूता ख़रीदा और उसे देते हुए कहा "बेटा लो, ये जूता पहन लो". लड़के ने फ़ौरन जूते निकाले और पहन
लिए,उसका चेहरा ख़ुशी से दमक उठा था. वो मेरी तरफ़ पल्टा और मेरा हाथ थाम कर पूछा "आप भगवान  हैं ? मैंने घबरा कर हाथ छुड़ाया और कानों को हाथ लगा कर कहा "नहीं बेटा, नहीं. मैं कृष्णा नहीं"लड़का फिर मुस्कराया और कहा "तो फिर ज़रूर भगवान के दोस्त होंगे, क्योंकि मैंने कल रात कृष्णा  से कहा था कि मुझे नऐ जूते देदें,"अब मैं मुस्कुरा दिया और उसके माथे को प्यार से चूमकर अपने घर की तरफ़ चल पड़ा. अब मैं भी जान चुका था कि कृष्णा का दोस्त होना कोई मुश्किल काम नहीं...!!!

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